प्रवासी भारतीय दो अंतराराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिकों की हिन्दुस्तानियों से अपील----
आज पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से गुजर रहा है। परीक्षा की इस घड़ी में हमे एक जिम्मेदार नागरिक की तरह अपना फर्ज निभाना है। और समस्त मानव जाति पर मंडराते इस खतरे में सहयोग करना है। हमें इटली और स्पेन की गलतियों से सबक लेने की सख्त जरूरत है। हम अंदाजा नहीं लगा सकते कि देश के कुछ हिस्से में ही मिलने वाले ये मात्र 500 की संख्या वाले कोरोना पॉजिटिव रोगी कितनी तेजी के साथ पूरे देश में लाखों में बदल जाएंगे। भारत में अभी कोरोना वायरस का प्रसार स्टेज 2 से 3 की तरफ बढ़ रहा है। मतलब ये है अब ये आपके बीच बाहर से आने वाले लोगो से फैलेगा। एक संक्रमित इंसान कुछ ही दिनों में सेकड़ो लोगो को संक्रमित कर सकता है। और फिर एक ऐसी चैन बन जाएगी,जिसको तोड पाना बहुत मुिश्कल होगा। पिछले कुछ दिनों में हज़ारो की संख्या में लोगो ने बड़े शहरो से अपने गावो का रुख किया है, जो बहुत खतरनाक है। और ये लोग अपने परिवार वृद्घ माँ-बाप, तथा गांव समाज के सभी लोगो के जीवन को खतरे में डाल रहे है। आज के समय में सबसे बड़ी जरुरत है कि जो जहा है, बस वहीं पर रहे। ऐसे में हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना है जैसे किः-
1.यदि आपके मोहल्ले, वार्ड या गांव में लोग या रिश्तेदार, दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरो से भागकर आ रहे है तो उनमे से कुछ लोग संक्रमित भी हो सकते है। और आपके बीच इस वायरस को फैला सकते है।
2. आप लोगों से निवेदन है कि ऐसे लोगो की सुचना पुलिस या स्थानीय स्वास्थ केन्द्रो को देकर अपनी, अपने परिवार और समाज की इस वायरस से सुरक्षा करें.।
3. बाहर से आपके बीच आने वाले लोगो की प्राथमिक जांच के बाद यदि वायरस सक्रमण के लक्षण, जैसे बुखार, सुखी खासी, दस्त, साँस लेने में तक्लीफ और कमज़ोरी पाए जाते है। तो उनको तत्काल भर्ती करके उनका ट्रीटमेंट किया जाये। और जाँच की लिए उनके सैम्पल्स आगे बड़ी लैब्स भेजे जाये।
4. गावो और छोटे शहरो में ज्यादातर मकान एक या दो कमरों के होते है ऐसी अवस्था में, गांव प्रधान, सभासद या वार्ड मेमेबर्स, अपने छेत्रो में आने वाले सरकारी स्कूल, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन में एकांत प्रवास (Quarantine) की व्यवस्था कर सकते है. यदि लोगो की संख्या ज्यादा होने लगे और खाली कमरे ना मिल पाए तो खेतो या खाली जगह पर टेंट या झोपडी लगाकर भी व्यवस्था की जा सकती है जहा पर इन लोगो की देखभाल और खाने पीने की व्यवस्था की जा सके. आप सब बड़े लोगो को याद भी होगा जब विवाह के टाइम में बारात के लिए हर घर से एक चारपाई लेकर इकहट्टा किया करते थे. आज भी ऎसा ही कुछ इंतज़ाम किया जा सकता है.
5. इस बीमारी का कोई इलाज या टीका अभी तक विकसित नहीं हुआ है। मीडिया में खबरे आ रही है कि कोरोनावायरस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है वो सत्य है। किन्तु ट्रायल कम्पलीट होने में लम्बा समय 6 से 9 महीने का समय लगता है। अत,आज हमारे पास इस वायरस से बचाव के आलावा और कोई रास्ता है ही नहीं। आपका एक फ़ोन जो आप किसी बाहर से आने वाले से सुचना देने के लिए करते है। आज के इस समय में सरकार की इस वायरस के फैलाव को रोकने में बड़ी सहायता कर सकता है। आप सभी अपना और अपने परिवार का ख्याल रखे। सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करके इस महामारी पर विजय पाने के सरकार के प्रयास में अपना योगदान दे।
प्रवासी भारतीय दो अंतराराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिकों की हिन्दुस्तानियों से अपील----